Atomic Habits Summary In Hindi | छोटे बदलाव से पाए चमत्कारिक परिणाम
Atomic Habits Summary In Hindi by James Clear : दोस्तों कहाँ जाता है कि वर्तमान में जैसी हमारी आदते है ,ठीक वैसे ही हम भविष्य में बनने वाले है ! आदते ही है जो हमारे जीवन को सफल भी बना सकती है और असफल भी ! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम जेम्स क्लियर की लिखी गई किताब Atomic Habits की समरी शेयर करने वाले है जिसमे आप सीखेंगे कि कैसे आप अपने जीवन में छोटी – छोटी अच्छी आदतों को अपनाकर भविष्य में बड़ा परिणाम हासिल कर सकते है ! साथ ही यह भी जानेंगे कि कैसे हम अपनी बुरी हैबिट्स से छुटकारा पाए !
दोस्तों हर इन्सान के अन्दर अच्छी और बुरी दोनों आदते है ! बहुत से लोग ऐसे है जो अपनी इन बुरी आदतों को छोड़ना तो चाहते है लेकिन वे इसे छोड़ नहीं पाते है , क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता है कि आखिर वे ऐसा क्या करे कि बुरी आदते छुट जाये ! लेकिन दोस्तों अगर आप Atomic Habits Book Summary In Hindi पढेंगे तो आप जानेंगे कि कैसे आप अपनी बुरी आदतों से छुटकारा पा सकते है और कैसे अपने जीवन में अच्छी आदतों को विकसित कर सकते है ! अपने जीवन में आप छोटे – छोटे अच्छे बदलाव करके भविष्य में मनचाहा परिणाम हासिल कर सकते है ! तो आइये शुरू करते है Atomic Habits Summary In Hindi
Atomic Habits Summary In Hindi | छोटे बदलाव से चमत्कारिक परिणाम
Introduction
Book Name : Atomic Habits / एटॉमिक हैबिट्स
Book Author – James Clear
Book Type : Self – help Book
Book Language : Hindi
Total Number of Pages : 256
लेखक के बारे में ( About the Author )
एटॉमिक हैबिट्स के लेखक जेम्स क्लियर का जन्म 22 नवम्बर , 1985 को हामिल्टन अमेरिका में हुआ ! जेम्स क्लियर आदतों को विकसित करने , निर्णय लेने की क्षमता और निरंतर सुधार से जुड़े विषयों पर केन्द्रित लेखक और वक्ता है ! हमेशा वे बड़ी – बड़ी कम्पनियों में अपना व्याख्यान देते रहते है ! उन्होंने अब तक कई पुस्तके लिखी है ! एटॉमिक हैबिट्स उनकी बेस्ट सेलर बुक है जो 50 से अधिक भाषाओ में लिखी जा चुकी है और जिसकी 15 मिलियन से अधिक प्रतिया बिक चुकी है !
Atomic Habits Book Summary In Hindi | एटॉमिक हैबिट्स सारांश
1 ) छोटी – छोटी आदते , चमत्कारिक परिणाम
दोस्तों अगर आपको भविष्य में अपना जीवन बदलना है तो हमेशा आपको छोटी – छोटी आदते अपनानी होगी ! यह आदते दिखने में तो इतनी छोटी होगी कि शायद आपको तुरंत इसके परिणाम दिखाई न दे , परन्तु अगर आप इस पर लगातार काम करते है तो कुछ दिन , महीनो या साल बाद आपको इसके चमत्कारिक परिणाम देखने को मिलेंगे !
अगर आप हर दिन थोड़ी – थोड़ी एक्सरसाइज करते है तो हो सकता है शुरुआत में आपको इसके परिणाम बिल्कुल भी दिखाई न दे ,लेकिन अगर आप इसे लगातार करते है तो भविष्य में आपको काफी फर्क महसूस होगा ! ऐसा ही हमारे साथ बुरी आदतों में होता है ! अगर हम आज अपने समय को बर्बाद करते है तो शुरुआत में तो हमें फर्क महसूस नही होगा , लेकिन 1 या 2 साल बाद देखेंगे की जो लोग अपने समय का सही इस्तेमाल करते है आप उनसे काफी ज्यादा पीछे हो जायेंगे !
अगर आप शराब या सिगरेट पीते है तो शुरुआत में आपको इसके परिणाम दिखाई नहीं देंगे , लेकिन भविष्य में आपको इसके बड़े दुष्परिणाम देखने को मिल सकते है !
दोस्तों अगर आप अपनी लाइफ को हर रोज 1 प्रतिशत भी बेहतर करते है तो पुरे एक वर्ष में आप 37 गुना बेहतर बन सकते है ! इसके विपरीत यदि आप एक वर्ष तक हर दिन 1 प्रतिशत बदतर होते है तो आप शून्य के करीब आ जायेंगे !
अगर आप अपनी लाइफ को बदलना चाहते है और एक बेहतर भविष्य चाहते है तो अपने अन्दर अच्छी – अच्छी आदते विकसित कीजिये , चाहे आदते छोटी ही क्यों न हो !
2 ) आपकी आदतों से ही आपकी पहचान बनती है
देखा जाए तो इंसान में अच्छी आदतों के मुकाबले बुरी आदते जल्दी विकसित होती है ! अगर वह अच्छी आदतों को अपनाता भी है तो भी कुछ ही दिनों बाद वह अच्छी आदते छुट जाती है और बुरी आदते विकसित होने लग जाती है ! अक्सर हम देखते है कि लोग शराब और सिगरेट की आदत को जल्दी विकसित कर लेते है वही अगर उनको एक्सरसाइज करने या मेडिटेशन करने के लिए कहाँ जाए तो तो वे ऐसा नहीं कर पाते है !
बहुत से लोग नववर्ष पर अच्छी – अच्छी आदते अपनाने का संकल्प लेते है लेकिन वे इसे कुछ ही दिन या फिर महीने तक ही जिन्दा रख पाते है !
अगर आप अपनी बुरी आदतों को छोड़ना चाहते है और अच्छी आदते विकसित करना चाहते है तो सबसे पहले आप अपने माइंड में यह तय करे कि आप क्या बनना चाहते है और क्यों बनना चाहते है ! फिर यह तय करे कि वैसा बनने के लिए आपको किन आदतों को अपनाने की जरुरत होगी और किन आदतों को छोड़ने की जरूरत होगी !
एक बार जब आप इस चीज को पहचान लेते है तो फिर अच्छी आदतों को अपनाना और बुरी आदतों को छोड़ना आपके लिए आसान काम हो जायेगा !
3 ) अच्छी आदते कैसे अपनाये
पुस्तक में ऑथर बताते है कि किसी भी आदत को बनने के चार चरण होते है –
पहला चरण : संकेत ( Cue ) – हर आदत एक संकेतक से शुरू होती है ! अगर आपको अच्छी बॉडी या हेल्थ बनानी है तो आपको बॉडी बिल्डर या अच्छी फिटनेस वाले लोगो के पोस्टर को अपने कमरे की दीवार पर लगा लेना चाहिए जिससे आप एक्सरसाइज के लिए तैयार रहे ! यदि आप हेल्दी रहना चाहते है तो आपको अपनी खाने की टेबल और फ्रिज में फ़ास्ट फ़ूड न रखकर अच्छी चीजो को रखना होगा जो आपको हेल्दी रख सके !
दूसरा चरण : ललक ( Craving ) – अगर आप किसी अच्छी आदत को अपनाने के लिए क्यों को समझ लेते है तो फिर वह आपकी आदत बन जाती है ! आपमें सिगरेट पिने की ललक नहीं होती है , बल्कि उससे जो राहत मिलती है , उसकी इच्छा आपको होती है ! दांत साफ़ करने से आप प्रेरित नहीं होते , बल्कि मुहँ साफ़ होने के अहसास से प्रेरित होते है !
तीसरा चरण : प्रतिसाद ( Response ) – तीसरा चरण है प्रतिसाद ! प्रतिसाद ही वास्तविक आदत होती है ! अगर आप कोई आदत विकसित करना चाहते है तो शुरुआत में अपने आपको बड़े टारगेट न दे , क्योंकि ऐसा करने से आप उस आदत को जल्दी ही छोड़ देंगे !
मान लीजिये आपको एक्सरसाइज शुरू करना है तो आप शुरुआत में 1 घंटा न देकर 10 मिनट का समय निर्धारित करे ! वही अगर आपको बुक पढने की आदत विकसित करनी है तो यह तय न करे कि आज से रोज 1 घंटा किताब पढूंगा , बल्कि यह तय करे की आज से रोज 1 पेज बुक पढूंगा !
क्योंकि अगर आप किसी आदत को विकसित करना चाहते है तो शुरू में आपको इसकी छोटी शुरुआत करनी होगी ! फिर धीरे – धीरे आप इस समय को बढ़ा सकते है !
चोथा चरण : पुरस्कार ( Reward ) – प्रतिसाद ही आपको पुरस्कार देता है ! हर एक आदत का अंतिम लक्ष्य पुरस्कार पाना ही होता है ! जैसे आप रोज एक पेज बुक पढने की आदत डालते है तो इस आदत को डालने का जो मुख्य उद्देश्य होता है वह यह है कि आप अधिक नॉलेज प्राप्त करेंगे और नई चीजे सीखेंगे !
वही एक्सरसाइज में आप इस उम्मीद में रहते है कि कुछ समय बाद आपकी अच्छी बॉडी बन जाएगी और आप हेल्दी और फिट रहेंगे जिससे आप attractive दिखेंगे !
4 ) नई आदत शुरू करने का श्रेष्ठ तरीका
ऑथर बताते है कि बहुत से लोग यह तो तय कर लेते है कि वे कल से एक्सरसाइज करेंगे या कोई बुक पढेंगे या पढाई करेंगे , लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाते है क्योंकि उन्होंने यह तय नहीं किया है कि वे एक्सरसाइज कब और क्यों करना चाहते है ! वे बुक कोनसे समय में और क्यों पढना चाहते है ! वे पढाई कब और क्यों करना चाहते है !
अगर आपने अपनी किसी आदत ओ अपनाने से पहले यह decide कर लिया कि उसे वह काम कब , कहाँ और क्यों करना है तो फिर वह काम करना आपके लिए आसान काम हो जायेगा ! आप हमेशा उस कार्य को करने के लिए प्रेरित होंगे और फिर धीरे – धीरे वह आपकी आदत बन जाएगी !
अच्छी आदते कैसे बना सकते है ?
- अपनी आदतों का स्कोरकार्ड भरे ! अपनी वर्तमान आदतों को लिखे , ताकि आप उनके प्रति सचेत रहे !
- आदत को करने की मंशा रखे , साथ ही यह भी तय करे कि उसका समय , स्थान क्या होगा !
- अपना माहोल तैयार करे , अच्छी आदतों के संकेत बनाये , जो स्पष्ट और दृष्टिगोचर हो !
- अपनी आदतों को आकर्षक ,सरल और स्पष्ट बनाये !
ख़राब आदतों को कैसे रोके
- इसे अदृश्य बना दे !
- ख़राब आदतों की और ध्यान न दे ! अपने वातावरण से ख़राब आदतों के संकेत को हटा दे !
- इसे अनाकर्षक बना दे !
- इसे कठिन और असंतोषजनक बना दे !
5 ) आदतों को आकार देने में परिवार और मित्रो की भूमिका
कहते है कि अगर हम 5 लोगो के समूह में रहते है और उनमे से 4 लोग सफल है तो अगले सफल इन्सान आप ही होंगे , ऐसा इसलिए होता है , क्योंकि आदतों को आकार देने में हमारे परिवार , करीबी और मित्रो की अहम् भूमिका होती है !
एक अध्ययन में पाया गया है कि ग्यारह या बारह साल की उम्र में यदि आपके सबसे अच्छे दोस्त का आईक्यू ऊँचा है , तो बुद्धि के प्राकृतिक स्तरों को नियंत्रित करने के बाद आपका आईक्यू भी पंद्रह साल की उम्र में उतना ही होगा ! क्योंकि हम अपने आसपास के लोगो के गुणों और प्रथाओ को आत्मसात कर लेते है !
6 ) ख़राब आदतों के कारण जानकर उन्हें कैसे ठीक करे
हमारी दैनिक दिनचर्या में ऐसी कई आदते है जो हमें ख़राब या बोझ लगती है , जबकि हमें उन्हें करना जरुरी होता है ! ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम इन्हें अलग नजरिये से देखते है ! अगर हम अपने नजरिये को बदल ले , तो फिर हर वह काम आसान हो जायेगा जो हमें कठिन लगता है !
कठिन आदतों को यदि आप सकारात्मक अनुभव से जोड़ना सीख जाते है तो आप उन्हें आकर्षक बना सकते है ! कभी – कभार आपको सिर्फ थोडा सा मानस बदलने की आवश्यकता होती है ! जैसे हम अक्सर इस बारे में बात करते है कि दिन में हमें क्या करना है ! काम के लिए आपको शीघ्र उठना पड़ता है ! आपको बिज़नेस के लिए सेल्स कॉल करनी पड़ती है ! आपको परिवार के लिए खाना बनाना पड़ता है !
अब सोचिये आपको सिर्फ एक शब्द ही बदलना है : आपको करना नहीं “पड़ता” है आपको करने को “मिलता” है !
काम करने के लिए आपको जल्दी उठने को मिलता है ! शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सुबह एक्सरसाइज करने को मिलती है ! बिज़नेस को बढ़ाने के लिए सेल्स कॉल करने को मिलती है ! मात्र एक शब्द बदल देने से आप उस नजरिये को बदल देते है , जिस प्रकार से आप हर घटना को देखते है !
7 ) टालने की आदत को 2 मिनट के नियम से कैसे रोके
दोस्तों अगर आपको किसी काम को बार – बार टालने की आदत है तो आप Atomic Habits में बताये गए 2 मिनट के रूल्स को अपना सकते है !
इसमें आपको करना यह होता है कि अगर आपको एक्सरसाइज करना है तो अपने आप से यह न कहे कि चलो 1 घंटे के लिए एक्सरसाइज करते है , अगर आपको कोई किताब पढनी है तो अपने आप से यह न कहे कि किताब पढनी है , बल्कि अपने आप से यह कहे कि 2 मिनट एक्सरसाइज करते है , 2 मिनट के लिए किताब पढ़ते है !
इसके लिए जब आपको एक्सरसाइज करना हो तो आप 2 मिनट के लिए जूते और कपडे पहन सकते है ! किताब पढनी हो तो एक पेज को पढ़ सकते है ! class के लिए पढना है तो नोट्स खोलना बन जाता है !
Atomic Habits बुक आपको क्यों पढनी चाहिए ?
- अगर आप अपनी किसी बुरी आदत से छुटकारा पाना चाहते है !
- अगर आप नहीं जानते कि किसी बुरी आदत से छुटकारा कैसे पाए !
- अगर आप चाहते है कि अपनी लाइफ हमेशा अच्छी आदते विकसित करे !
- अच्छी आदतों को हमेशा कैसे बनाये रखे !
- छोटी – छोटी आदत कैसे विकसित करे !
- छोटी – छोटी आदतों से अच्छे परिणाम कैसे हासिल करे !
निष्कर्ष ( Conclusion )
दोस्तों जेम्स क्लियर की लिखी गई किताब एटॉमिक हैबिट्स ‘आदत’ पर लिखी गई एक बेहतरीन किताब है ! इस पुस्तक से आप यह सीख सकते है कि आप अपनी लाइफ में कैसे छोटी – छोटी आदतों को अपनाकर भविष्य में बड़े परिणाम हासिल कर सकते है ! यह पुस्तक बताती है कि हमें अपनी आदतों पर अधिक समय देने की जरुरत नहीं , बल्कि हमें रोज 1 प्रतिशत बेहतर बनना है !
दोस्तों उम्मीद करते है Atomic Habits Summary In Hindi आर्टिकल आपको जरुर पसंद आया होगा ! अगर Atomic Habits Book Summary In Hindi आर्टिकल आपको अच्छा लगा है तो प्लीज इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे और हमें कमेन्ट भी करे !
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