जीतना है तो जिद करो बुक का सारांश – Jeetna Hai to Jid Karo Book Summary

जीतना है तो जिद करो बुक का सारांश – Jeetna Hai to Jid Karo Book Summary  In Hindi

हर कोई जीतना चाहता है , सफल होना चाहता है , विजेता की तरह अपनी पहचान चाहता है ,सफल व्यक्तियों की पंक्तियों में अपना स्थान बनाना चाहता है , पर क्या सब जीतते है ? क्या सब सफल होते है ? सीधा सा उत्तर है नहीं ! जो व्यक्ति जीत दर्ज करता है , या सफल होता है , वह अन्य व्यक्तियों  से कुछ हटकर तो है ! विजेता में कुछ तो खास बात है कि वह जीत गया ! भीड़ से कुछ अलग हटकर करने की उसने ठानी , तभी वह जीत दर्ज करने में कामयाब हुआ ! दोस्तों यदि आप भी जीतना चाहते है , सफल होना चाहते है तो आज की इस पोस्ट में हम एस. हुण्डीवाला द्वारा लिखित किताब Jeetna Hai to Jid Karo की समरी शेयर कर रहे है ,जिसमे कामयाब कैसे बना जाता है के बारे में समझाया गया है !  उम्मीद करते है यह आपको पसंद आयेगी ! तो आइये शुरू करते है Jeetna Hai to Jid Karo Book Summary In Hindi

जीतना है तो जिद करो बुक सारांश – Jeetna Hai to Jid Karo Book Summary In Hindi

Intoduction

नाम – जीतना है तो जिद करो / Jeetna Hai to Jid Karo

लेखक  – एस. हुण्डीवाला

भाषा – हिंदी

पृष्ठ संख्या – 182 पेज

श्रेणी  – सेल्फ हेल्फ बुक

Jeetna Hai to Jid Karo Book Summary In Hindi

जिद का अर्थ

जिद का अर्थ है – अपनी सारी शक्तियों एवं योग्यताओ को जीत हेतु संकल्पित करे ! अपने जिद की पूर्ति हेतु पुरुषार्थ करे ! जिद का अर्थ बच्चो की जिद जैसा नहीं , बल्कि किसी ऊंचाई को छूने और किसी सफलता को अर्जित करने हेतु किया गया अदम्य या अटूट संकल्प है ! जिद का अर्थ , अपनी इच्छा शक्ति को समेटकर , अपनी योग्यता शक्ति एवं काबिलियत से भी बढ़कर , पुरुषार्थ कर , किसी इच्छित सफलता को प्राप्त करने हेतु संकल्पित होना है ! किसी भी सफलता हेतु सर्वप्रथम आवश्यकता है संकल्प करने की ! यदि आपका संकल्प अटूट और अदम्य है तो आपको सफलता निश्चित ही मिलेगी !

जीत का अर्थ क्या है ?

‘जीत’ एक बहुत ही व्यापक अर्थ वाला शब्द है ! वैसे जीत का अर्थ , किसी की पराजय में निहित है अर्थात ‘जीत’ सापेक्ष है , कोई हारेगा , तभी तो आप जीतेंगे या यह कहे कि किसी को पराजित करने पर ही तो आपको ‘जीत’ का मजा आयेगा ! वर्तमान में जीत को सफलता का पर्याय माना जा सकता है ! सफलता का अर्थ है अपने आस – पास , मित्रो , रिश्तेदारों , एक ही उद्योग एवं व्यापार में सम्बद्ध व्यक्तियों से आगे बढ़ना है ! सफलता या जीत का अर्थ अन्य से श्रेष्ठता प्राप्त करना है !

जिद को पूरी करने हेतु तैयारी करे

यदि आपने किसी चीज या लक्ष्य को लेकर जिद की है तो उसे पूरा करने के लिए आपको तैयार हो जाना चाहिए ! मात्र आपके द्वारा जिद करने से ही सफलता नहीं  मिलती है ! जिद करना , एक संकल्प करना है जिसके लिए आपको बहुत दिनों तक धेर्य और साहस की आवश्यकता होती है ! इस भागदौड़ भारी दुनियां में हर कोई जीतना चाहता है और आगे निकलना चाहता है परन्तु जीतेगा वही जो श्रेष्ठ है ! अगर आपको जीतना है तो आपको श्रेष्ठ बनना पड़ेगा , श्रेष्ठ आप तभी बनोगे जब आप अपनी कमजोरियों पर काम करोगे और मेहनत करोगे !

जीत के लिए खुद से वादा करे

यदि आपको अपने क्षेत्र में सफल होना है तो आपको अपने आपसे ही कुछ वादे करने होंगे ! आपको अपनी गलत आदतों को छोड़ना होगा , नई – नई चीजे सीखनी होगी तथा अच्छी आदतों को अपनाना होगा ! आपको विजेताओ की तरह सोचना और काम करना होगा तभी आपको सफलता मिलेगी ! सवयं से किया गया वादा आपकी जीतने हेतु की गई जिद की पूर्ति के लिए आवश्यक है ! अतः स्वयं से पूर्ण ईमानदारी से वादा करे एवं उसे हर हाल में निभाए !

जीत के प्रमुख पड़ाव

1. लक्ष्य निर्धारण

बिना लक्ष्य निर्धारण के व्यक्ति इधर – उधर भटकता रहता है , जब तक आपको यह पता नहीं है कि आपकी मंजिल क्या है ? आप क्या प्राप्त करना चाहते है ? आपकी आकांक्षा क्या है ? तब तक आपके द्वारा की गई कोशिश , बिना दिशा ज्ञान के चलने वाली नौका के समान है ! ऐसी नौका का नाविक बस पतवार चलाता रहता है ! वह कहाँ पहुँच गया या वापस वही आ गया , जहाँ से चला था , इसका उसे कुछ पता ही नहीं रहता ! अतः सबसे पहले जरुरी है की आप क्या बनना चाहते है , क्या पाना चाहते है उसका लक्ष्य जरुर निर्धारित करे !

2. संघर्ष का दौर

जब आप एक बार लक्ष्य का निर्धारण कर लेते है , उसके बाद शुरू होता अहि आपके संघर्ष का दौर ! जब एक बार आप अपनी मंजिल तय कर लेते है तो यह वह दौर होता है जिसमे आपकी योग्यता एवं क्षमता का आकलन होता है ! इस दौर में व्यक्ति को स्वयं की कमियों तथा अक्षमताओ का ज्ञान होता है !

3. जीत का दौर

यह वह समय होता है , जब आप निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर चुके होते है , इस दौर में आप हर्ष , उल्लास , आत्मविश्वास से भरे होते है ! आप सवयं की योग्यता पर नाज कर रहे होते है ! यह दौर विजेताओ की तरह खुश होने का , गर्व करने का है !

4. जीत बरकरार रखने का दौर

जीत हासिल करने के बाद का यह दौर बहुत महत्वपूर्ण दौर है ! जीवन में जितना महत्व ‘जीत’ का है , उससे भी अधिक महत्व इस जीत को बरकरार रखने का है ! एक ऊंचाई प्राप्त करने के बाद , उससे और ऊपर चढ़ना तो हमें अच्छा लगता है , लेकिन उस स्तर से निचे यदि उतरना पड़े , तब बहुत पीड़ादायक स्थिति बन जाती है !

5. लक्ष्य का पुनः निर्धारण

आपने जो सफलता अर्जित की है , वह बहुत महत्वपूर्ण है ! अपनी जीत पर आप स्वयं गर्व महसूस करते है , अच्छी बात है , लेकिन जैसा हमने स्पष्ट किया है , सफलता का दौर , एक ऐसा दौर है , जो लगातार आपका ध्यान चाहता है ! बहुत से व्यक्ति एक शिखर छूने के बाद संतुष्ट होकर , कुछ निष्क्रिय से हो जाते है ! ऐसे व्यक्ति कुछ दिनों के बाद अन्य लोगो से पिछड़ जाते है ! सफलता कोई मजिल नहीं है बल्कि सापेक्ष रूप से अन्य से आगे बढ़ना है !

विजेता बनने हेतु प्रमुख योग्यताये

  • अनुशासित एवं सुनियोजित जीवन !
  • लक्ष्य आपकी रूचि के अनुरूप होना चाहिए !
  • लक्ष्य प्राप्ति हेतु स्वयं को तैयार करे !
  • असफलताओ / गलतियों से सबक ले !
  • अपनी सामर्थ्य बढ़ाये !
  • उचित एवं शीघ्र निर्णय ले !
  • नई चुनोतियो हेतु तैयार रहे !

Conclusion

दोस्तों यदि आपको कुछ बनना है लाइफ में कुछ करना है तो उसके लिए आपको जिद करनी पड़ेगी , आपको ठानना पड़ेगा , संकल्प करना होगा तभी आप सफलता प्राप्त कर सकते है ! Jeetna Hai to Jid Karo पुस्तक में सफलता प्राप्त करने के ऐसे कई तरीके बताये गए है जिनसे आप निश्चित ही सफलता प्राप्त कर सकते है !

दोस्तों उम्मीद करता हूँ Jeetna Hai to Jid Karo Book Summary In Hindi लेख आपको जरुर अच्छा लगा होगा , हमें कमेंट करके जरुर बताये !

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