बातचीत से लोकप्रिय होने 21 टिप्स l Communication Skill Development

बातचीत से लोकप्रिय होने 21 टिप्स l Communication Skill Development In Hindi

आजकल कौन नहीं चाहता की वह लोकप्रिय बने ! सब यह चाहते है कि वह अपने परिवार , मित्र और समाज के बीच लोकप्रिय हो ! लेकिन क्या सभी लोग लोकप्रिय बन पाते है ! कुछ लोग दिल के अच्छे होते है लेकिन बातचीत करने की कला ( Communication Skill Development  ) नहीं जानने से वे बुरे बन जाते है ! दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम डॉ. उज्जवल पाटनी द्वारा लिखी गई किताब सफल वक्ता सफल व्यक्ति में बताये गए प्रभावी बातचीत के उन 21 सिद्धांतो को शेयर करने वाले है जिन्हें ध्यान में रखकर आप निश्चित ही अपनी बातचीत से कही भी लोकप्रिय हो सकते है ! तो आइये शुरू करते है Communication Skill Development In Hindi  

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1 बातचीत से लोकप्रिय होने 21 टिप्स l Communication Skill Development In Hindi

बातचीत से लोकप्रिय होने 21 टिप्स l Communication Skill Development In Hindi

 

1 ) क्या चुभने वाली बाते कहना जरुरी है ?

यदि आप किसी व्यक्ति को पसंद नहीं करते और वह आपको किसी ग्रुप में मिल जाए तो उसके साथ हमेशा सामान्य शिष्टाचार के साथ व्यवहार करे ! अनावश्यक रूप से चुभने वाली बाते ना करे ! आपको सोचना चाहिए कि क्या वाकई में कटाक्ष या व्यंग्य करना जरुरी है !

2 ) क्या आप दुसरो में रूचि लेते है ?

जो भी आपसे बातचीत कर रहा है उनके मन में यह इच्छा रहती है कि आप उनकी बातो पर ध्यान दे ! यदि आप सिर्फ अपनी ही कहना चाहते है तो बात आगे नहीं बढ़ेगी ! बातचीत के दौरान सामान्य प्रतिक्रियां जैसे ‘अच्छा , बहुत बढियां , कब से’ आदि बीच – बीच में कहने से सामने वाले को लगता है कि आप उसकी बातो में रूचि ले रहे है ! यह आपको छोटी सलाह लगेगी , लेकिन है बड़े काम की ! Communication Skill Development में यह बाते काफी काम की है !

3 ) क्या आप हमेशा जीतने का प्रयास करते है ?

जो लोग चतुर होते है वे हर बात को एक जंग के रूप में लेते है और उस वार्तालाप को जीतना चाहते है ! उन्हें सामने वाले को हरा कर और उन्हें बातो में काटकर बड़ा सुख मिलता है ! लेकिन ऐसे लोग समाज में बहुत ही अलोकप्रिय होते है ! कभी भी बातचीत को प्रतिष्ठा और जीत – हार का प्रश्न न बनाये !

4 ) क्या आप कभी दुसरो की प्रशंसा करते है ?

बातचीत के दौरान यदि सामने वाले की बात आपको अच्छी लग रही है तो आपको उसकी प्रशंसा जरुर करनी चाहिए ! याद रखे सच्ची प्रशंसा व्यक्ति कभी नहीं भूलता ! कभी भी झूठी प्रशंसा न करे यह बहुत जल्दी पकड़ में आ जाती है !

प्रशंसा थोड़ी विशिष्टता लिए हुए करे जैसे –

खाना बहुत अच्छा है , परन्तु यह कचोडी एकदम खास है , इतनी अच्छी कचोडी बहुत दिनों बाद खाने को मिली !

“खाना अच्छा है” यह एक सामान्य प्रशंसा है जो सदैव औपचारिकता से भी की जाती है , परन्तु “कचोडी खास है” यह लाइन उन्हें हमेशा याद रहेगी ! प्रशंसा में चाटुकारिता और मक्खनबाजी का इस्तेमाल न करे और बात को बढ़ाये – चढ़ाये बिना कहे !

5 ) क्या सचमुच निंदा करना जरुरी है ?

बातचीत ( Communication Skill Development )  में वह व्यक्ति चतुर होता है जो बिना मांगे राय नहीं देता ! बिना आवश्यकता निंदा नहीं करता ! यदि कोई घटना आपसे सम्बन्ध नहीं रखती है तो उसकी निंदा न करे ! याद रखे , यह कतई आवश्यक नहीं होता है कि हम निंदा करे ! निंदा से हमेशा हम लोगो को खोते है , पाते नहीं ! हो सकता है लोग जबरदस्ती आपके सामने मामला उठाकर निंदा के रूप में राय लेना चाहे परन्तु ऐसी स्थिति में अस्पष्ट सा जवाब देकर बच जाये !

6 ) क्या आप मुस्करा कर सबसे मिलते है ?

ईश्वर ने दुनियां की सबसे महँगी चीज इन्सान को मुफ्त में दी है वह है ‘मुस्कान’ जिसमे हम बड़ी कंजूसी करते है ! हमेशा एक मीठी मुस्कान ओढ़े रहिये , फिर देखिये सम्बन्ध और मित्र किस तेजी से बढ़ते है ! आप एक  हुए और प्रसन्नचित व्यक्ति के रूप में प्रसिद्द होते जायेंगे ! मुस्कराहट से आपका तनाव भी कम होगा !

7 ) क्या आप दुसरो के नाम याद रखते है ?

व्यक्ति को हमेशा अपने नाम से बहुत मोह रहता है ! यदि आप किसी प्रसिद्द व्यक्ति से सिर्फ एक बार मिले है और आपने अपना परिचय उन्हें दे दिया है ! कुछ दिनों बाद वो अचानक आपको कही मिलते है और उन्हें आपका नाम याद रहता है तो आपका मन खुश हो जायेगा ! नाम में हर व्यक्ति की ख़ुशी छिपी है ! नाम की महिमा अद्भुत है ! दुनियां में आप जितने ज्यादा नाम याद रखेंगे उतने ही मित्र बढ़ेंगे !

8 ) क्या आप बार – बार वही बाते दोहराते है ?

कई लोगो को एक ही बात बार – बार दोहराने की आदत होती है , जिससे सुनने वाला अपना धैर्य खो बेठता है ! अपनी बात को संक्षिप्त में , एक बार में तथा पूर्ण प्रभाव के साथ कहना चाहिए ! हर किसी के पास समय कम है , अतः उसी बात को बार – बार अलग – अलग रूपों में दोहरा कर अपना और सामने वाले का समय बर्बाद मत कीजिये !

9 ) क्या आपके मुह से दुर्गन्ध आती है ?

जब भी आप किसी के साथ बातचीत कर रहे हो , और यदि सामने वाले व्यक्ति के मुह से दुर्गन्ध आ रही है तो उसे कभी भी यह न कहे की आपके मुह से दुर्गन्ध आ रही है ! इस बात को आप अपने ऊपर ले सकते है , यदि कोई आपसे कहे कि आपके मुह में दुर्गन्ध आ रही है तो आपको कैसा फील होगा ! अतः कुछ दिनों के अन्तराल से अपने दांतों की सफाई डॉक्टर से जरुर करवाए और एक अच्छे टूथ पेस्ट का यूज करे !

10 ) क्या आप कट्टरवादी लहजे में बात करते है ?

कट्टरवादी व्यक्ति समय और काल के अनुसार ही बात करते है , सबको अलग दृष्टि से देखते है ! “सारे अधिकारी रिश्वतखोर है” कहने की बजाय यह कहना ठीक होगा कि “बहुत से अधिकारी रिश्वत लेते है” सभी और हमेशा जैसे शब्दों से बचे ! इनकी जगह कुछ , बहुत सारे , कभी – कभी जैसे शब्द बेहतर होते है ! सिर्फ एक दो शब्दों की वजह से होने वाले भीषण विवादों से बचे !

11 ) क्या आप बार – बार कान में फुसफुसाते है ?

यदि आप एक समूह में है तो बार – बार किसी एक व्यक्ति के कान में न बोले , दुसरो को बुरा लग सकता है ! पब्लिक मैनर्स में इसे सबसे बुरी आदतों में एक माना जाता है ! सामने बेठे व्यक्ति को लगता है कि आप उसकी आलोचना कर रहे है और बिना कारण ही विवाद का जन्म हो जाता है !

12 ) क्या आप “मै” शब्द का ज्यादा इस्तेमाल करते है ?

कई लोगो की आदत होती है कि वो सारी दुनियां को लेकर अपने में समेट लेते है ! मैंने सोचा , मैंने कहाँ , मै तो पहले से जानता था , मै तो हमेशा कहता था आदि शब्दों से बचे ! दुसरो को भी साँस लेने की जगह दे !

13 ) क्या आप हमेशा दुसरो को झूठा सिद्ध कर देते है ?

अक्सर बातचीत में कुछ लोग अतिश्योक्ति कर जाते है , थोडा बड़ा बनने के चक्कर में झूठ बोल जाते है ! आप कभी भी लोगो को झूठा सिद्द न करे जब तक वो झूठ आपको नुकसान न पहुंचा रहे हो ! आप स्वयं झूठ न बोले और हल्के – फुल्के झूठ सहन करने की आदत डाले !

14 ) क्या आप हर बात पर “हाँ” कह देते है ?

जो बात आपको पसंद न हो , या जो काम आप नहीं करना चाहते हो उसके लिए स्पष्ट होकर विनम्रता से नहीं कहे ! यस मैंन बनने का प्रयास न करे ! हर बात में हाँ में हाँ मिलाने वालो कि सामाजिक प्रतिष्ठा कम होती है और वो चाटुकार कहलाने लगते है ! आप लोगो को हाँ तो कह देते है परन्तु बाद में अपने वादे पुरे नहीं कर पाते जिससे उसकी गैर जिम्मेदार व्यक्ति की छवि बनती है ! जो काम आप नहीं कर सकते या आपका मन जिस कार्य हेतु सहमत नहीं है , उसे उसी वक्त अस्वीकार कर देने से आपकी छवि एक स्पष्टवादी और दृढ व्यक्ति की बनती है !

15 ) क्या आपकी जिम्मेदार व्यक्ति की छवि है ?

अपनी कही हुई बातो की जिम्मेदारी लीजिये ! यदि आपने किसी से कहा कि “मै आपको दस बजे अमुक जगह में मिलूँगा” और आप नहीं जा रहे है तो सामने वाले को पूर्व में ही सुचना दीजिये या नहीं पहुँच पाने के लिए क्षमा मांगिये ! दुसरो के समय की कीमत समझिये ! इससे आपकी बोली , आपके जुबान की कीमत बढ़ेगी , और सामने वाले को असुविधा नहीं होगी !

16 ) क्या आप ज्यादा बोलते है और कम सुनते है ?

ईश्वर ने आपको एक मुंह और दो कान इसलिए दिए है कि आप जितना बोले उससे दुगुना सुने ! ज्यादा बडबडाने वाले लोग अपना प्रभाव जल्दी खो देते है ! ज्यादा बोलना अपने सब रहस्य खोलने के समान होता है ! ऐसे लोगो पर कोई विश्वास नहीं करता और ना ही इनकी कोई बात गंभीरता से सुनता है !

17 ) क्या आप बढ़ा – चढ़ा कर बाते कहते है ?

कई लोगो को इतना बढ़ा – चढ़ा कर बोलने की आदत होती है कि वो तुरंत पकडे जाते है ,और लोग भले ही मुंह पर निंदा न करे परन्तु पीठ पीछे वो सबसे बड़े मजाक के पात्र बनते है ! जितना आपके पास हो उतना ही बखान करे ! सोचिये क्या वाकई बढ़ा – चढ़ा कर बोलना या फेंकना जरुरी है !

18 ) क्या आप बात – बात पर हँसते है ?

कई लोग हर बार वार्तालाप में हास्य का पुट पैदा करने की कोशिश करते है , बिना बात जोक्स सुनाते है ! उनकी एक मजाकियाँ छवि बन जाती है और उनसे बुद्दिजीवी परहेज करने लग जाते है ! हास्य उचित समय पर ही अच्छा लगता है !

19 ) क्या आप पीठ पीछे निंदा करते है ?

पीठ पीछे कही गई बात तेजी से फेलती है ! अक्सर आपकी कही हुई मूल बात बदल जाती है , फसाद खड़ा हो जाता है और करीबी रिश्ते भी खत्म हो जाते है ! आलोचना संयमित शब्दों में , अकेले में करे ! वही पीठ पीछे कही गई प्रशंसा जादू सा असर करती है ! इसे आजमा कर देखे ! इसलिए हमेशा इस बात का खास ध्यान रखे की कभी भी पीठ पीछे किसी की बुराई ना करे !

20 ) तर्क से बचे

तर्क और विवादों से बचे क्योंकि थोडा बढ़ने पर यह अहम् का प्रश्न बन जाता है ! याद रखे जब भी आप एक बहस जीतते है , आप एक व्यक्ति को खो देते है ? यदि किसी विवाद की जीत वाकई में महत्व नहीं रखती है तो उसे अधर में छोड़ दीजिये ! यह आपके बड्पन्न का परिचय होगा !

21 ) व्यक्तिगत अघात और धार्मिक व्यंग्य न करे

किसी की शारीरिक कमी का मजाक न उडाये ! व्यक्ति भले ही मुस्करा देता है , परन्तु उसके दिल पर गहरा आघात होता है ! गरीबी , अशिक्षा ऐसे किसी मुद्दे पर किसी को चोट न पहुंचाए ! दुसरे सुनने वालो को भी ये बुरा लगता है ! जीवन भर न भूलने वाले घाव दे देते है !

वाणी सम्भालकर बोलिए , ना है हाथ न पांव ! एक शब्द करे औषधि , एक शब्द करे घाव !

कुछ लोग लंगड़ा कर चलने वाले को लंगडू या मोटे पावर का चश्मा लगाने वाले को चश्मिश कहते है ! सोचिये क्या वाकई में व्यक्ति को अच्छा लगता होगा ! धर्म को सदैव बातचीत से दुरे रखे ! यदि शामिल करना है तो उजले पहलुओं पर चर्चा करे ! हर किसी की सामाजिक मान्यताये अलग होती है , वार्तालाप में सदैव उनका सम्मान करे !

जग जीतने का , बस एक सफल हथियार

ना निन्दा , ना चोट , बस वाणी में भार लो प्यार !

दोस्तों उम्मीद करता हूँ Communication Skill Development In Hindi लेख आपको अच्छा लगा होगा ! अगर Communication Skill Development In Hindi लेख आपको अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले !

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