गबन उपन्यास का सारांश l Gaban Novel Summary In Hindi

गबन उपन्यास का सारांश  l Gaban Novel Summary In Hindi

मुंशी प्रेमचंद एक जाने – माने लेखक और उपन्यासकार है , जिन्होंने अपनी रचनाओ में भारतीय समाज का बहुत ही मार्मिक तरीके से चित्रण किया है ! गबन उनके प्रमुख उपन्यासों में से एक है जिसमे उन्होंने भारतीय नारी की गहनों के प्रति लालसा तथा महिलाओ का अपने पति के जीवन  पर प्रभाव को बहुत ही जीवंत तरीके से समझाने का प्रयास क्या है ! दोस्तों आज किस इस पोस्ट में हम मुंशी प्रेमचंद जी का प्रसिद्द उपन्यास गबन की समरी को शेयर कर रहे है ! तो आइये शुरू करते है Gaban Novel Summary In Hindi

गबन उपन्यास का सारांश  l Gaban Novel Summary In Hindi

Introduction

नाम –  गबन ( उपन्यास )

लेखक – मुंशी प्रेमचंद

विषय – साहित्य

पृष्ठ संख्या – 272

Gaban Novel Summary In Hindi

मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास गबन में जालपा एक बहुत ही सुन्दर स्त्री है जिसे मुख्य पात्र बनाया गया है ! उनका बचपन से ही आभूषण के प्रति गहरा लगाव था ! उनके पिता दीनदयाल प्रयाग के एक छोटे से गाँव में रहते थे ! दीनदयाल की अपने गाँव में खूब चलती थी ! वह जब भी किसी काम से प्रयाग जाते थे तो जालपा के लिए आभूषण जरुर लेकर आते थे ! क्योंकि जालपा खिलोने और गुडिया से नहीं खेलती थी बल्कि वह आभूषण से खेलती थी ! जालपा जब धीरे – धीरे बड़ी हुई तो उसकी इच्छा चन्द्रहार पाने की थी ! उन्होंने अपने माता – पिता से चन्द्रहार दिलवाने की इच्छा जताई , परन्तु उनके पिता इतने सक्षम नहीं थे की उनके लिए सोने का चन्द्रहार बनवा दे ! उनके माता –पिता ने उन्हें यह कहकर मनाया की चन्द्रहार उन्हें उनकी  शादी में ससुराल वालो की तरफ से मिल जायेगा !

जालपा चन्द्रहार पाने के लिए बहुत ज्यादा उत्साहित थी की उन्हें ससुराल से जरुर चन्द्रहार मिलेगा ! परन्तु वह कभी यह सोचकर मायूस भी हो जाती थी कि शायद उनके ससुराल वालो से उन्हें यह चन्द्रहार न मिले ! जब जालपा बड़ी हुई तो उनकी शादी रमानाथ नाम के व्यक्ति से हुई जो कि एक सरकारी दफ्तर में बहुत ही कम पैसे में कलर्क की नौकरी करता था ! जालपा को  शादी में चन्द्रहार मिलने की आशा अधूरी ही रह गई थी ! रमानाथ , दयानाथ और जोगेश्वरी का बेटा था जो पहले अपने दोस्तों के साथ जुआ खेलता था और बेवजह पूरा दिन घूमता रहता था ! रमानाथ अपनी पत्नी जालपा के सामने अधिक अमीर होने का दिखावा करता था ! वह अपनी पत्नी को खुश रखने के लिए कभी – कभी गहने भी लाकर देता था !

रमाकांत जो की अपनी पत्नी के सामने अमीर होने का दिखावा करता था और अपनी पत्नी को  आभूषण लाकर खुश कर देता था ! एक दिन वह अपने सरकारी दफ्तर से “गबन” करता है और पुलिस के डर से वह कलकत्ता भाग जाता है ! कलकत्ता में उसे एक कुंजड़ा और उसकी पत्नी शरण देते है ! एक दिन मौका पाकर पुलिस रमाकांत को पकड़ लेती है और एक फर्जी केस में फसाकर उसे मुखबिर के रूप में प्रस्तुत करती है ! उसकी पत्नी जालपा उसे ढूंढती हुई कलकत्ता आती है और उसे जेल से निकालने में सहायता करती है ! जालपा की एक सहेली है जिसका नाम रतन है वह भी उनका इस काम में पूरा साथ देती है ! क्रांतिकारियों के विरुद्ध गवाही देने के पश्चात् रमानाथ को जालपा का एक पत्र मिलता है जिसने उनके भाव  बदल दिए ! रमानाथ ने जज के सामने अपनी सारी वास्तविकता प्रकट कर दी , जिससे उसे यह विश्वास हो गया कि निरपराध व्यक्तियों को दण्ड दिया गया है ! जज ने अपना पहला निर्णय वापस ले लिया था , इसके बाद रमानाथ तथा जालपा आदि वापस प्रयाग के समीप आकार रहने लेगे थे !

गबन उपन्यास के मुख्य पात्र

जालपा – मुख्य नायिका

रमानाथ – नायक ( जालपा का पति )

दीनदयाल – जालपा का पिता

दयानाथ – रमानाथ के पिता

जोगेश्वरी – रमानाथ की माता

रतन  – जालपा की सहेली

Conclusion

मुंशी प्रेमचंद के इस प्रसिद्ध उपन्यास गबन ( Gaban ) में भारतीय समाज का सुन्दर चित्रण किया गया है ! इसमें बताया गया है कैसे एक इन्सान दिखावे के चक्कर में अपनी पत्नी को खुश रखने के लिए आभूषण लेकर आता है ! वर्तमान में हमारे समाज में यही तो हो रहा है लोग कर्ज लेकर या अमीर होने के दिखावे के चक्कर में आकर ऐसा कुछ कर जाते है जिससे वे जिंदगी भर कर्ज के बोझ तले दबे रह जाते है और उस कर्ज को चुकाने के लिए गलत कदम उठाते है !

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