The Psychology of Money Book Summary In Hindi | धन – सम्पति का मनोविज्ञान

The Psychology of Money Book Summary In Hindi – धन – सम्पति का मनोविज्ञान

दोस्तों क्या आप जानते है कि बहुत से लोगो के पास पैसा होने के बावजूद भी वे सामान्य सी जिंदगी जीते है ! कुछ लोग तो पैसा आने के बाद उसे जल्दी गँवा भी देते है और फिर से गरीबी की जिंदगी जीने लगते है ! वही कुछ सामान्य लोग कम पैसे होने के बावजूद भी अच्छी लाइफ जीते है और आगे चलकर अच्छी वेल्थ क्रिएट करते है ! दोस्तों मॉर्गन हाउजल की लिखी गई किताब The Psychology of Money Book में कुछ ऐसी ही बाते बताई गई जिनसे हम सीख सकते है कि आखिर हम धन का प्रबंध कैसे करे , उसे कहाँ , कैसे और कब इन्वेस्ट करे ! तो आइये शुरू करते है The Psychology of Money Book Summary In Hindi

The Psychology of Money Book Summary In Hindi – धन – सम्पति का मनोविज्ञान

Introduction

Book Name – धन – सम्पति का मोविज्ञान / The Psychology of Money

Book Author – मॉर्गन हाउजल

Book Type – Money Management

Book Language – हिंदी

No. of Pages –  222

लेखक के बारे में ( About the Author )

The Psychology of Money किताब के जाने – माने लेखक मॉर्गन हाउजल है , जिन्होंने कई अच्छी किताबे लिखी है ! The Psychology of Money उनकी धन पर लिखी गई एक बेस्टसेलर पुस्तक है जो लोगो को धन का उपयोग कैसे किया जाता है ,के बारे में सिखाती है ! लेखक ने वॉल स्ट्रीट जर्नल के लिए भी कई आर्टिकल लिखे है ! दोस्तों शुरू करते है लेखक के अनुभवों द्वारा लिखी गई किताब धन – सम्पति का मनोविज्ञान की बुक समरी के बारे में !

The Psychology of Money Book Summary In Hindi

लेखक ने पुस्तक में कई चेप्टर के माध्यम से लोगो को धन सम्बन्धी शिक्षा देने का प्रयास किया है , उनमे से कुछ मुख्य चेप्टर हम यहाँ प्रस्तुत कर रहे है –

कोई भी मुर्ख नहीं है ( No One’s Crazy )

लेखक बताते है कि लोग पैसो के साथ कुछ मूर्खतापूर्ण हरकते करते है लेकिन मुर्ख कोई नहीं है ! हर किसी की धन के बारे में सोच और बिहेवियर अलग – अलग होता है ! किसी को अपना पैसा सेविंग अकाउंट , FD , PPF आदि में रखना अच्छा लगता है तो किसी को शेयर्स या म्यूच्यूअल फंड्स बेहतर लगते है ! इसलिए हम कह सकते है कि हर किसी की अपनी धन की परिभाषा होती है , हर कोई स्वयं को समझदार समझता है !

जो व्यक्ति गरीबी में पला बढ़ा हो वह अपने पैसो को निवेश करने से पहले उसकी जोखिम और प्रतिफल के बारे में सोचता है जबकि एक समृद्ध बैंकर की संतान शायद ऐसा न सोचे !

एक व्यक्ति जो ऐसे समय में बड़ा हुआ हो जब मुद्रास्फीति की दर अधिक थी , उसने वह अनुभव किया , जो उस व्यक्ति को नहीं करना पड़ा जो स्थिर कीमतों के बिच पला बढ़ा हो !

एक स्टॉक ब्रोकर जिसने महामंदी में अपना सबकुछ गँवा दिया , उसने जो अनुभव किया वह 1990 के दशक के वैभव में काम करने वाला ब्रोकर उसकी कल्पना भी नहीं कर सकता है !

लेखक कहते है कि हो सकता है पैसो के बारे में जो डिसीजन आपने लिए है वह हमें मुर्ख लगे और जो डिसीजन हमने लिए है वह आपको मुर्ख लगे ! अतः आपकी फाइनेंसियल फ्रीडम इस बात पर निर्भर करती है कि आप अपने पास मौजूद पैसो के साथ कैसा बिहेव करते है !

भाग्य और जोखिम ( Luck and Risk )

भाग्य और जोखिम भाई – भाई है ! ये दोनों इस वास्तविकता का प्रमाण है कि जीवन में हर नतीजा व्यक्तिगत प्रयास के अलावा और अन्य ताकतों पर भी निर्भर करता है !

लेखक कहते है कि कुछ लोग ऐसे होते है जो काफी लकी होते है ! जैसे किसी का अमीर के घर पैदा होना ! लेकिन ऐसा सभी के साथ नहीं होता है ! हम अमीर बनने के लिए केवल भाग्य या लक के भरोसे नहीं बेठ सकते है !

अमीर बनने का दूसरा तरीका है रिस्क लेना ! कुछ लोग बिल्कुल भी रिस्क नहीं लेना चाहते है ! वे नौकरी या अन्य कार्य में अपने कम्फर्ट जॉन से बाहर नहीं निकलना चाहते है ! अगर हमें धन कमाना है , अमीर बनना है तो हमें अपनी क्षमता के हिसाब से रिस्क तो लेना ही होगा !

धनवान बनना बनाम धनवान बने रहना ( Getting Wealthy vs. Staying Wealthy )

बहुत से लोग ऐसे होते है जो किसी कारण धनवान तो बन जाते है लेकिन ज्यादा दिनों तक वे इसे मेन्टेन नहीं रख पाते है ! अक्सर हम किसी खिलाडी , फ़िल्मी सितारे या फिर किसी खेल प्रतियोगिता में करोडो रूपये जितने वाले लोगो को देखते है , जो अमीर तो बन जाते है लेकिन कुछ ही समय बाद वे फिर से पहले जैसे हो जाते है !

दोस्तों ऐसा क्यों होता है , ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्हें पता नहीं होता है कि धन का प्रबंध कैसे किया जाता है , उन्हें कहाँ और कैसे इन्वेस्ट किया जाता है ! वे तो बस आये हुए पैसो को लगातार खर्च करते रहते है , और एक दिन ऐसा आता है जब उनके पास मौजूद सारा पैसा समाप्त हो जाता है !

पट , आप जीते ( Tails You Win )

अगर आप एक सिक्का उछालते है तो यह जरुरी नहीं है कि अप पहली बार में जीत ही जाए ! लेकिन इस बात की पूरी सम्भावना है कि अगर आप सिक्के को बार – बार उछालोगे तो इस बात की सम्भावना है कि आप जीत जाए !

उसी प्रकार यदि आप किसी एक कार्य या बिज़नेस में एक बार फ़ैल हो जाते है तो डरने की बजाय बार – बार प्रयास करो एक दिन जरुर सफलता मिलेगी !

आप और मै ( You & Me )

अमीर बनने का एक और नियम यह है कि यह आप अकेले नहीं कर सकते है ! अर्थार्त कभी न कभी इसके लिए आपको दुसरो की मदद लेनी ही होगी ! इसलिए हमेशा दुसरो के साथ अच्छे से पेश आये , उनके साथ अपना स्वभाव विनम्र रखे !

जीवन में जितना आप सवयम को महत्व देते हो उतना ही दुसरो को भी देना चाहिए ! यदि आपको अपने बिज़नेस , व्यापार या अन्य कार्य में सफल होना है तो दुसरो की रेस्पेक्ट जरुर करे !

The Psychology of Money आपको क्यों पढनी चाहिए ?

  • यदि आप अमीर बनना चाहते है !
  • यदि आप अमीर बनने के बाद हमेशा अमीर बने रहना चाहते है !
  • यदि आप यह जानना चाहते है कि धन कैसे काम करता है !
  • पैसो के साथ अपने बिहेवियर को समझना चाहते है !
  • आप एक कामयाब इन्सान बनना चाहते है !

Conclusion

मॉर्गन हाउजल की लिखी गई किताब The Psychology of Money एक ऐसी बुक है जिसमे हमें धन के मनोविज्ञान के बारे में बताया गया है ! इसमें बताया गया है कि हर व्यक्ति का धन के प्रति अपना – अपना नजरिया होता है ! लोग अपनी समझ के हिसाब से ही धन के साथ व्यवहार करते है ! यही कारण है कि कुछ अमीर लोग पैसो को जल्दी गँवा देते है कुछ लोग थोड़े पैसो से ही जल्दी अमीर बन जाते है ! अगर आपको कामयाब होना है और धन के बारे में सीखना है तो The Psychology of Money जरुर पढनी चाहिए !

दोस्तों उम्मीद करता हूँ The Psychology of Money Book Summary In Hindi आपको जरुर पसंद आई होगी , हमें कमेंट करके जरुर बताये !

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